5 EASY FACTS ABOUT पारद शिवलिंग महत्व DESCRIBED

5 Easy Facts About पारद शिवलिंग महत्व Described

5 Easy Facts About पारद शिवलिंग महत्व Described

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हरियाणा-पंजाब में बारिश, पंचकूला-हरिद्वार हाईवे धंसा

ग्रंथों में बताया गया है कि पारद स्वयं सिद्ध धातु होती है। इसका वर्णन चरक संहिता समेत कई पुराणों में मिलता है।

ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की तरह, स्फटिक शिवलिंग की पूजा भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है, जिससे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

शिवलिंग को महादेव का निराकार स्वरूप माना जाता है. शिवलिंग ऊर्जा का भंडार है. इसलिए इसकी पूजा के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं.

- नर्मदा नदी से निकलने वाले शिवलिंग को नर्मदेश्वर कहा जाता है. - नर्मदा नदी को शिव के वरदान के कारण इससे प्राप्त होने वाले शिवलिंग को इतना ज्यादा पवित्र माना जाता है.

देवघरात ठेवण्यात येणाऱ्या शिवलिंगाचा आकार आपल्या अंगठ्यापेक्षा अधिक असू नये.

साथ ही माँ लक्ष्मी और कुबेर देव को प्रसन्न करने के लिए ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः’ मंत्र का पाठ करें।

आत्ता सध्या  श्रावण मास सुरु आहे. आणि ह्या महिन्यात घरात पारद शिवलिंग स्थापना कोणत्याही सोमवारी करण्यास हरकत नाही.

पन्ना शिवलिंग; पन्ने नामक हरे रंग के कीमती रत्न से बनाया जाता है।

पारद शिवलिंग ज्या घरात असेल तेथे अकाल मृत्यू चे भय राहत नाही.

लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्।

फिर इसे घर के पवित्र स्थल पर पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर स्थापित करें।

नर्मदेश्वर शिवलिंग को सबसे ज्यादा सर्वाधिक शक्तिशाली और पवित्र माना जाता है.

Worship of this ling is believed to cleanse someone of varied crimes Particularly, govadha (cow slaughter), killing a Brahmin, killing a infant and this kind of identical crimes. Worshiping read more this ling on a regular basis and carrying out very good karma an individual can attain salvation or Moksha.

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